मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन किया

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैंकों द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रहे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता की जानी चाहिए ताकि राज्य के अधिक से अधिक जन मानस को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव राधा रतूडी द्वारा सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2023-24 का विमोचन किया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की उत्कृष्टता और ग्राहक सन्तुष्टि के प्रति प्रतिबद्वता सराहनीय है। बैंक द्वारा एनआरएलएम क्रेडिट लिंकेज और पीएमएफएमई में राज्य में शीर्ष बैंकों में स्थान प्राप्त करने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा सोर्सिंग और दावों में वास्तव में प्रंशसनीय कार्य किया है। ग्रामीण आजीविका का समर्थन करके पीएमएफएमई के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने और मजबूत सामाजिक सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने में बैंक का निरन्तर प्रयास लोगों के जीवन और समुदायों को बदलने में महत्वपूर्ण सहायक रहा है।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत कुल 290 शाखाओं में से 219 शाखायें ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं, एवं 624़ ग्राहक सम्पर्क केन्द्रों के माध्यम से सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत बैंकिंग सुविधायें दी जा रही हैं। उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक में भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं भारतीय स्टेट बैंक का क्रमशः 50ः, 15ः एवं 35ः अंशधारिता है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बैंक ने विशुद्व रू0 75 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं के माध्यम से 72 लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 1.44 करोड़ तथा 169 लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 3.38 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है।
इस अवसर पर बैंक अध्यक्ष  हरिहर पटनायक एवं महाप्रबन्धक (प्रशासन)  अमिता रतूड़ी भी मौजूद रहे।

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