बिना अवकाश स्वीकृति गायब रहने वाले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई, निर्देश जारी

Uttar Pradesh

(लखनऊ UP)13नवम्बर,2024.

अस्पतालों को छोड़कर बिना अवकाश स्वीकृत कराए गायब रहने वाले डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। इतना ही नहीं गैर हाजिर रहने वाले डॉक्टरों की सूची नहीं भेजने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर के गायब रहने के मामले पर नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिकायत मिली है कि कई चिकित्साधिकारियों द्वारा अपने सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बिना ही ड्यूटी से गायब रहते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इतना ही नहीं गायब रहने वाले चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी/प्रमुख अधीक्षक/अधीक्षिका/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका द्वारा कार्यवाही की संस्तुति भी नहीं की जाती है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अस्पतालों की सेवाएं चरमराती जा रही हैं। कई अस्पताल आए दिन बंद रहते हैं।

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने चिकित्सा अधिकारियों और अवकाश स्वीकृत करने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों को भी सख्त चेतावनी दी है। निर्देश दिया है कि अनधिकृत रूप से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। अनुशासनिक/विभागीय कार्यवाही की स्पष्ट संस्तुति तथा साक्ष्यों सहित आरोप पत्र गठित कर 15 दिन के अंदर स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजा जाए। इस दौरान यह प्रमाण-पत्र भी देने होंगे कि संबंधित चिकित्सक के अतिरिक्त उनके अधीन अन्य कोई चिकित्सक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित नहीं हैं। इस आख्या रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद महानिदेशालय से शासन को भेजा जाएगा। ताकि संबंधित चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ शासन से भी जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।

खाली पदों पर होगी भर्ती:
प्रदेश में अलग-अलग चरणों में ग्रेडवार चिकित्सकों की नियुक्ति कर उन्हें अस्पतालों में तैनाती दी जाती है। इस बीच कई चिकित्सक बिना बताए ही गायब हो जाते हैं। लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों को विभागीय कार्यवाही के तहत नोटिस दी जाती है और जवाब नहीं मिलने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाती है। ताकि संबंधित पद को रिक्त घोषित कर नई नियुक्ति की जाए। हर 2 से 3 माह में नियुक्त होने वाले चिकित्सकों की अपेक्षा करीब 10 फ़ीसदी डॉक्टर के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई होती है। इस बीच मुख्य चिकित्सा अधकारियों और अधीक्षकों ने लंबे समय से बिना बताए अनुपस्थित रहने वालों की सूची भेजना बंद कर दिया। ऐसे में कागज में तो पद भरे हैं लेकिन अस्पताल खाली हैं। अब एक साथ सूची तैयार होने के बाद खाली पदों पर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी(साभार एजेंसी)

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