(प्रयागराज UP)12नवम्बर,2024.
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ से पहले गंगा जल को आचमन लायक बनाएगी। गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए तैयार किए गए एक्शन प्लान पर यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह केंद्र व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ प्रयागराज में बैठक करेंगे।
सीवेज की गंदगी से गंगा जल दूषित होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने असंतोष जताया है। साथ ही यूपी के मुख्य सचिव से हालात से निपटने और जल को दूषित होने से रोकने के फौरी उपायों के साथ हलफनामा देने को भी कहा है। एनजीटी के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण मनोज सिंह को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, प्रदूषण कम करने के लिए गंगा में ऊपर से अधिक पानी छोड़ा जाएगा। जो नाले बिना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के सीधे गंगा में मिल रहे हैं, उन्हें रोकने के लिए तत्काल अस्थायी व्यवस्था की जाएगी। जहां एसटीपी लगे हैं, उन्हें लगातार चालू रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे। लापरवाही मिलने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय भी लिया गया है।
बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष तन्मय कुमार, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आरपी सिंह, केंद्र और राज्य में नमामि गंगे के सचिव भी शामिल होंगे। यहां बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 22 अक्तूबर की रिपोर्ट में बताए गए यूपी के 326 नालों में से 247 नालों के पानी का शोधन नहीं किया गया है। इस पर एनजीटी ने विभिन्न जिलों में हर नाले और उनसे पैदा होने वाले सीवेज व प्रस्तावित सीवेज उपचार संयंत्रों के बारे में जानकारी मांगी है(साभार एजेंसी)