नई टिहरी में मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के अन्तर्गत जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Uttarakhand News

आज शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार नई टिहरी में मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के अन्तर्गत जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम मुख्य अतिथि  विधायक टिहरी  किशोर उपाध्याय की उपस्थिति में आहूत किया गया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग करते हुए अपने-अपने क्षेत्र में गुलदार, सुअर, बंदर, भालू, सांप, ततैया आदि कई तरह के जंगली जानवरों, कीड़े मकोड़ों से मानव एवं कृषि भूमि को हो रही क्षति की बात रखी गई। उन्होंने बंदरों को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में छोड़ने की शिकायत करते हुए बंदरों का बधियाकरण करवाए जाने की मांग तथा ततैया के काटने से हो रही मृत्यु दर को गम्भीरता से लेने को कहा। इसके साथ ही लावारिश पशुओं से हो रहे नुकसान की भरपाई की मांग की गई। इस मौके पर वनाग्नि की घटनाओं के सम्बन्ध में भी चर्चा की गयी।

जनप्रतिनिधियों की मांग व शिकायत सुनने के पश्चात बताया गया कि किसी भी घटना में प्राथमिकता मानव सुरक्षा होनी चाहिए। जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु जिला योजना से कराए जा रहे कार्यों के अलावा अन्य मदों से भी सुरक्षात्मक कार्य किये जा सकते हैं। इस मौके पर अवगत कराया गया कि इस वर्ष जिला योजना से दस करोड़ की धनराशि केवल घेरबाड़ हेतु स्वीकृत की गई है। सभी जन प्रतिनिधियों से अपील की गई कि जिन कार्यो को कराने का निर्णय पंचायत स्तर पर लिया जाता है, उनमें संशोधन कर सुरक्षात्मक कार्य पहले किए जाएं तो बेहतर परिणाम आएंगे। इसके लिए जो भी सहयोग की अपेक्षा की जायेगी उसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर सम्भव मदद की जायेगी। मनरेगा के तहत घेरबाड़ के कार्यो में आ रही दिक्कतों पर जल्दी ठोस कदम उठाकर समस्या का निवारण किया जायेगा।

इस मौके पर डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने कहा कि जनपद में तेंदवे से सावधानी हेतु घरों के आस-पास की झाड़ियों का कटान अनिवार्य है क्योंकि तेंदुवा घात लगाकर ही हमला करता है।उन्होने बताया कि वन विभाग के द्वारा आवश्यकतानुसार लाईट वितरण का कार्य भी किया जाता है। बंदरों को खाना देने से वे आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं। उन्होंने कहा बन्दरों से नजर न मिलाएं व उनके झुण्डों वाले क्षेत्र में अकेला चलने से बचे।

डीएफओ नरेन्द्रनगर जीवन दगाडे ने बताया कि ततैया अक्सर जुलाई और अगस्त माह में सक्रिय होते है और अक्टूबर-नवम्बर माह में मौसम परिवर्तन के कारण मानव को क्षति पहुंचाते हैं।अक्सर घरों की छतों पर रखे जाने वाले कद्दू की वजह से भालू भी मानव बस्ती की ओर रूख इन्ही महिनों में करते हैं। इसलिए इन महिनों में सावधानी बरतने की जरूरत है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक
ने कहा कि सभी वन्य जीवों के सम्बन्ध में जो जो बातें बताई गई हैं, उन्हें अमलीय जामा पहनाने की जरूरत है। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। नगर पालिकाओं व जिला पंचायत विभाग को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत खाना व कूड़ा आदि फेंकने वालों पर कार्यवाही करने एवं वन विभाग को जिन सड़को पर रोक लगा रखी है, उन पर जल्दी ही ठोस कदम उठाने को कहा गया। वन विभाग को अनुमति लेकर और बिना अनुमति के काटे जाने वाले पेड़ पौधों के नाम प्रकाशित करने को कहा गया, जिस पर वन विभाग के अधिकरी ने 17 प्रकार की प्रजाति के पौधों को काटने की अनुमति लेने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष आडा जलाने की अवधि 15 फरवरी से पूर्व की होगी क्योंकि तब तक धूप धीमी रहती है ।

इस अवसर पर अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि मनोज बिष्ट, एसडीओ रश्मि ध्यानी व राखी जुयाल, अजपाल पंवार, विनोद रतूडी, जगदम्बा रतूडी, उदय रावत, राजेन्द्र डोभाल, विजय कठैत सहित जनपदभर से आये जनप्रतिनिधि व विभागीय कार्मिक उपस्थिात रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *