एएफएमएस के अधिकारियों ने 43वें विश्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य खेलों में रिकॉर्ड 32 पदक जीते

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सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के चार अधिकारियों ने 16 से 23 जून 2024 तक फ्रांस के सेंट ट्रोपेज़ में आयोजित 43वें विश्व चिकित्सा और स्वास्थ्य खेलों में रिकॉर्ड 32 पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है। ये अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव मलिक, मेजर अनीश जॉर्ज, कैप्टन स्टीफन सेबेस्टियन और कैप्टन दानिया जेम्स हैं, जिन्‍होंने स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विश्‍व के सबसे बड़े खेल आयोजन में 19 स्वर्ण पदक, 9 रजत पदक और 4 कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

जीत के ब्योरे की सूची निम्‍नलिखित है: लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव मलिक वीएसएम, पांच स्वर्ण पदक (पुरुष वर्ग में 35 वर्ष से अधिक) – स्पर्धाएं: 800 मीटर, 1500 मीटर, 3000 मीटर, 5000 मीटर, क्रॉस कंट्री और 4×100 मीटर रिले। मेजर अनीश जॉर्ज, चार स्वर्ण, छह रजत और दो कांस्य पदक (पुरुष वर्ग में 35 वर्ष से कम) – स्पर्धाएं: 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 5000 मीटर, भाला फेंक, शॉटपुट, डिस्कस थ्रो, हैमर थ्रो और पावर लिफ्टिंग। कैप्टन स्टीफन सेबेस्टियन, छह स्वर्ण पदक (पुरुष वर्ग में 35 वर्ष से कम) – स्पर्धाएं: 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, लंबी कूद, हैमर थ्रो और 4×100 मीटर रिले। कैप्टन डानिया जेम्स, चार स्वर्ण, तीन रजत, दो कांस्य पदक (महिला वर्ग में 35 वर्ष से कम) – स्पर्धाएं: 100 मीटर, 200 मीटर, 4×100 रिले, भाला, डिस्कस थ्रो, शॉट पुट, बैडमिंटन एकल, बैडमिंटन डबल्स और पावरलिफ्टिंग।

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने इन अधिकारियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उनके भविष्य में और अधिक उपलब्धियां हासिल करने की कामना की।

विश्व चिकित्सा और स्वास्थ्य खेलों, जिनको अक्सर स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए ओलंपिक खेल माना जाता है, चिकित्सा समुदाय के बीच सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक खेलों के आयोजन के रूप में विकसित हुआ है। 1978 से चली आ रही विरासत के साथ, ये खेलों का आयोजन हर वर्ष 50 से ज्‍यादा देशों से 2500 से अधिक प्रतिभागियों को आकर्षित करता है।

भारतीय सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा अधिकारियों द्वारा किए गए प्रदर्शन न केवल उनकी उत्कृष्टता को उजागर करते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के समर्पण को भी प्रदर्शित करते हैं, जो उनकी चिकित्सा विशेषज्ञता को उनकी एथलेटिक उपलब्धियों के साथ मिलाते हैं। ये पूरे देश में हजारों चिकित्‍सकों और नर्सों को भी फिटनेस का ऐम्‍बैसडर बनने के लिए प्रेरित करेगा।

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