(प्रयागराज UP)10नवम्बर,2024.
थल और नभ के साथ ही इस बार महाकुंभ में जल के भीतर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके तहत नावों के संचालन के दौरान होने वाले हादसों को रोकने के लिए सरस्वती घाट के सामने से संगम तक दो किमी लंबी रिफलेक्टिव रीवर लाइन बनाई जाएगी।
यह नाव की सवारी करने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगी। अफसर बताते हैं कि यह लाइन घाट से संगम तक जाने और वापसी करने वाली नावों को अलग-अलग लेन में परिचालन करने के लिए सहायक होगी। इसे थर्मोप्लास्टिक फ्लोटिंग बॉक्स से बनाया जाता है।
यह बॉक्स पानी में तैरते रहते हैं। इन पर सोलर लैंप भी लगे होंगे। यह रोशनी कम होने पर यह स्वत: ही रोशनी पैदा करेंगे। इससे कोहरे या कम राेशनी होने पर नाविकों को यह लाइन देख पाने में आसानी होगी।
महाकुंभ के दौरान काफी श्रद्धालु नाव से संगम तक जाते हैं। इसके अलावा बहुत से श्रद्धालु नौकायन भी करते हैं। इस दौरान सैकड़ों नाव चलती है। जल पुलिस प्रभारी जनार्दन साहनी ने बताया कि कोहरा और कम रोशनी की वजह नावों के टकराने से हादसे की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए रिफलेक्टिव रीवर लाइन बनाने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही इसकी तैयारी शुरू की जाएगी।
12 किमी की डीप वाटर बैरिकेडिंग:
स्नान के दौरान होने वाले हादसों को राेकने के लिए इस बार भी डीप वाटर बैरिकेडिंग कराई जाएगी, हालांकि इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। महाकुंभ में 12 किमी के क्षेत्र में स्नान घाटों पर नदी में डीप वाटर बैरिकेडिंग होगी। बैरिकेडिंग के नीचे जाल भी लगाया जाएगा।
जेट स्की से श्रद्धालुओं को तुरंत मिलेगी मदद:
जल पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 25 जेट स्की भी मंगवाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें एक साथ तीन लोग बैठ सकेंगे। छोटी मोटर बोट जैसी जेट स्की 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। इससे नदी में हादसे की स्थिति में पीड़ित तक तुरंत मदद पहुंचाई जा सकती है(साभार एजेंसी)